Saturday, 25 June 2016

Bikta Hain To Bus Tera Tan | बिकता हैं तो बस, तेरा तन

बिकता हैं तो बस, तेरा तन यहाँ !


अभिमान में, सम्मान में,

विलय की हर एक तान में,

अश्रु की बहती धार में,

उफनती हर एक आग में,

बिकता हैं तो बस, तेरा तन यहाँ।


छोटी सी आस की,

जनमानस की सोच की,

पथ के हर एक विश्वाश पे,

बिगुल फुकती हर एक लक्ष्य की,

बिकता हैं तो बस, तेरा तन यहाँ।


माँ बहन अम्मा महबूब, न जाने कितने रूप तेरे यहाँ,

दसियों से पूजा,अभिनन्दन करते रहे है तुझे,

पर न जाने , क्यों हर खुशियों में भी,

बिकता हैं तो बस, तेरा तन यहाँ।

Dedicated for world's women. Salute!! We are always obliging you.

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